कहीं दीप जले, कहीं दिल जले,
कहीं नयन छलके , कहीं सावन बरसें,
कहीं रंगों की होली, तो कहीं खाली झोली,
कहीं लबों पर मुस्कान, कहीं जीवन सूनसान,
कहीं सुनहरा आज और नई शुरुआत,
कहीं भूली-बिसरी यादें और अमावस् सी राते,
कोई पल खुशी का आता नहीं,
तुम बिन अब हमसे जिया जाता नही, Nishi dwivedi