Monday, 16 October 2023

बिरह

कहीं दीप जले, कहीं दिल जले,
कहीं नयन छलके , कहीं सावन बरसें,
कहीं रंगों की होली, तो कहीं खाली झोली,
कहीं लबों पर मुस्कान, कहीं जीवन सूनसान,
कहीं सुनहरा आज और नई शुरुआत,
कहीं भूली-बिसरी यादें और अमावस् सी राते,
     कोई पल खुशी का आता नहीं,
 तुम बिन अब हमसे जिया जाता नही,                            Nishi dwivedi 

खोने का डर

जितनी शिद्दत तुम्हें पाने की थी                 उससे ज्यादा डर तुम्हें खोने का है बस यही है कि तुमसे लड़ती नहीं           तुम यह ना समझना कि...