मैं लाई हूं एक नई कहानी,
आज सुन लो मुझसे मेरी जुवानी,
दो सहेलियों की ये एक कहानी,
मोनिका प्रिया की सुन लो एक कहानी,
इंटर परीक्षा में शामिल थी मिली,
मार्डन मोनिका की मुस्कान थी बड़ी,
प्रिया शान्त थी वहीं पर खड़ी,
आकर्षण में दोनों साथ मिली,
आखरी पेपर में दोनों घरों को चलीं,
घर में सभी से मिलाया,
सबको घर में बुलाया,
परिणाम पास होने का आया,
एडमिशन लेने साथ दोनों चलीं,
कालेज में मस्ती की लग गई झड़ी,
हाथों में लेकर हाथ दोनों चलीं,
रोज़ साथ ही आतीं, दोनों साथ ही जाती,
छुट्टी में दोनों उदास हो जाती,
एक से बस्ते, एक से सैंडल , एक से कपड़े
गाती एक ही नगमे,पुछे कोई तो जुडुवा बन जाती,
मोनिका की दीदी को देखने मेहमान आते,
पसंद मोनिका को कर जाते,
मोनिका कालेज में आयी,
बात प्रिया को बताई,
दीदी लड़ती झगड़ती है बड़ा परेशान करती,
अब मैं आशू न बहाऊ छोड़ घर को जाऊं,
वो लेने है आया, मुझे साथ उनके जाना,
प्रिया- करता क्या है? बोलो कहां रहोगी तुम?
मोनिका -प्यार मुझे है करता स्वीटहार्ट है कहता,
उसके दिल में रहूंगी , उसको अपना कहूंगी,
प्रिया_ मुझे छोड़कर ना जाना,
मेरा साथ निभाना,हम पढ़ेंगे लिखेंगे,
फिर जॉब करेंगे,दोनों साथ रहेंगे,
और बातें करेंगे, किसी से ना डरेंगे,
बच्चे अडॉप्ट करेंगे ,साथ जीवन जिएंगे,
मर्द जाति से है नफरत,
मत खाओ यह अंगूर ,भूल जाओ उस लंगूर,
चारों तरफ हवा है ,यह लड़का बेवफा है,
उससे शादी करके तुम मुझे भूल जाना,
मेरे सामने फिर कभी मत आना,
तुमसे रूठ मैं जाऊंगी, कभी सामने ना आऊंगी,
मोनिका_उसको साथी चुन लिया है ,
सब को दूर किया है,
निकल आया है मुहूर्त ,
अब नहीं किसी की जरूरत,
(शादी करके मोनिका ससुराल गई,
कुछ दिन के बाद प्रिया की भी शादी हो गई,
अकेली प्रिया रह ना सकी,
दुल्हन बन ससुराल चली,)
( ससुराल में प्रिया को ताने थे मिले,
पति के अफसाने थे बड़े,
रो के प्रिया बस यही थी कहती,
मोनिका ना होगी यह सब सहती,
उसने कुछ तो होगा सोचा ,
लव मैरिज का मिला है उसे मौका
मित्र मेरी जहां रहे बस खुश रहे,
उसके हिस्से के गम मैं जी लूंगी,
सारे अत्याचारों को हंस कर सह लूंगी)
( बरस अटठारह बीत गए थे ,
हम जीना सीख गए थे)
( दौर मोबाइल का आया,
आज प्रिया को फोन आया,)
मैं मोनिका बोल रही हूं,
तुमसे मिलना चाह रही हूं,
दिनों बाद हो आई,
मेरा नंबर कहां से पाई
तेरे मायके से आ रही,
नंबर भाभी से लाई,
दोनों की आंखें भर आई
असुअन धार वही,
मिलने की बात हुई,
प्रिया_अवरुद्ध कंठ से पूछा तू कैसी है,
मोनिका_ बहुत दुखी हूं,
पति की नाफरमानी बढ़ गई,
मेरी सौतन आ गई,
तुमसे मिलकर मुझे आत्महत्या है करनी,
द्धू दूह रही थी मैं अब तक छलनी,
प्रिया_( मिलन से खुशी, और तकलीफ से दुखी,
दो सदमें एक साथ)
क्या बोल रही हो,
ऐसे क्यों कह रही हो,
ऐसा कुछ मत कहो,
कल आकर तुम मिलो,
(प्रिया मिलने को खड़ी ,
वहां सोच रही,
एक मॉडल आएगी ,
जोर से मुस्कुराएगी,
मेरे गले से लग जाएगी,
सारे गिले शिकवे भुला ,
सीने से लगाउंगी,
इतने बरस बाद कैसे पहचान पाऊंगी,
उसका सुंदर चेहरा मैं तो पहचान जाऊंगी,
पर मेरी सूरत बदल चुकी है,
(कोई बात नहीं )मैं उसको याद दिलादूंगी,
ऐसा कुछ भी नहीं था ,
जैसा सोच रही थी,
(मलिन वस्त्र पहने, एक महिला वहां आई)
प्रिया-आगे जाओ मैं किसी का इंतजार कर रही,
महिला- देखो तेरी मोनिका (रोते हुए)
प्रिया- दिल धक से हुआ, इतनी बुरी दशा,
(एक टक देख रही, उसे साथ लेकर गई,)
दोनों बात कर रही, दोनों की आंखें रो रहीं,
लंगूर ने अपनी जात जना दी,
मुझे घर छोड़ दूसरी पटा ली,
घर में बच्चे रो रहे हैं,
वो हमें छोड़ गए हैं,
कहता सड़क बिठाउगा ,
सब से भीख मंगवाउगा,
कई दिन भूखी रही हूं,
तरस तरस कर जी हूं,
तिनका तिनका जोड़ा ,
तब जाकर पाया थोड़ा,
मां को तरस था आया,
मां ने एक कमरा बनवाया,
उसने रिश्ता तो बनाया पर ,
बिल्कुल ना निभाया,
जब सास को बताया,
बोली बच्चों को अनाथ आश्रम भेज,
तू जहर खा के मर जा ,
समझ ना आए मैं क्या करूं ,
क्या खाकर मैं मरू,
शादी का अर्थ है,
एक दूसरे का पूरा ख्याल रखना,
सुख और दुख में साथ रखना,
अपने परिवार का हिसाब रखना,
सब कुछ ले कर चला गया,
छोड़ा नहीं कोई सबूत ,
उसे बनाया मंगलसूत्र
प्रिया- तू मत हो उदास,
कानून देगा तेरा साथ,
बाल हो जाएंगे सारे गंजे,
कानून के हाथ है बड़े लंबे,
मोनिका- थाने गई थी एक बार,
नहीं सुनी मेरी गुहार,
बातें सुनाई मुझे हजार,
नहीं है मेरा कोई हमदर्द,
पति एक साथ बना सकता है कई संबंध,
नया कानून है ऐसा आया,
कानून ने पूरा परिवार खाया,
क्या करें कुछ समझ ना आए,
तू ही मुझे कोई मार्ग बताएं,
मुझे नहीं है अब जीना,
मेरे बच्चों का ख्याल रखना,
प्रिया- तू सुन ले मेरी सीख,
तुझे हटाकर सौतन बिठाएगा,
तेरे बच्चों से मंगवायगा भीख,
तुझे अभी जीना होगा,
गम अभी थोड़ा पीना होगा,
टूटे हुए दिल को सीना होगा,
तुझसे बिछड़ कर मैं ,
तिल तिल जल जल रही थी,
खुश मैं भी ना थी ,
अंगारों पर चल रही थी,
जीवन कांटो पर जी रही थी,
जीना भूल गई थी,
जीना मुश्किल हो गया था ,
ब्राह्मण कुल में जन्म लिया है,
कंप्रोमाइज किया है,
शादी तो हो गई
प्यार बिल्कुल भी नहीं
साथ रहकर बस,
हूं बच्चे पाल रही,
यह सब भूल कर हम,
चलो साथ में जिए,
गम के प्याले मिलकर ,
चलो साथ में पिए,
उम्र हो गई तो क्या
अभी कुछ ना बीता
तुम साथ मिल गई हो ,
हौसले बुलंद कर लेंगे,
सब कुछ भूल कर हम ,
फिर से साथ जी लेंगे,
शुरू हो गया बातों का सिलसिला,
हर रोज फोन आता,
हर घंटे व्हाट्सएप होता
मोनिका - लंगूर मुझसे है लड़ रहा,
लड़की के साथ दिन भर रह रहा ,
लड़की का नंबर मेरे हाथ लगा,
नाम सुनीता मुझे आज पता चला,
व्हाट्सएप डीपी में चेहरा दिखा
छोटी है हर एंगिल से,
मलिन बस्ती में है रहती,
उसे फोन है किया,
थोड़ा लालच है दिया ,
जो चाहिए तू ले ले ,
मेरा पति रिहा कर दे,
सुनिता- हंसकर बोली जा जा
तेरे जैसे बहुत देखे,
तुझे हटाकर फोटो से,
मुझको बिठायेगा,
जीवन के सारे पल,
मेरे साथ बिताएगा,
दुनिया की सारी खुशियां,
मेरे कदमों में बिछाएगा,
मुझसे वादा है किया,
मेरा साथ निभाएगा,
मोनिका-तुझसे पहले यह वादे,
उसने मुझसे किए थे,
शादी के बाद सारे भुला दिए थे,
तेरे आगे पूरी तेरी उम्र पड़ी है,
तेरे बाप की उम्र का ,
तेरे लिए नहीं है,
तू अठरा बरस की,
बेटी सत्रह की मेरी,
तुझसे बड़ी हूं उम्र में,
बात मान जा तू मेरी,
सुनीता- तेरी बातों का मुझ पर,
कोई असर ना होगा,
जाकर उसको बोल ,
जो दे रहा है तुझे धोखा,
मुझे मिल रहा है सब कुछ,
किस्मत ने दिया है मौका
झोपड़ी में पड़ा मेरे फि्ज, सोफा,
अर्जेस्ट फैन स्मार्टफोन का दिया मुझे तोहफा
मैं क्यों मारूं अपने पैर में कुल्हाड़ी,
तुम जानो यह प्रॉब्लम है तुम्हारी,
( मोनिका उस दिन बहुत रोई,
कई रातों तक सोई नहीं ,
था साथ में उसके कोई नहीं,
मां और बहनों का काम था चंगा,
कोई नहीं ले रहा था उसके पति से पंगा,
घर जाकर रोज करता दंगा,
रात भर रहती चीख पुकार,
बच्चों का जीना दुश्वार,)
(एक दिन तो गज़ब हो गया,
पूरा दिन पिया को नहीं आया कोई फोन,
हैरान प्रिया ने किया मोनिका को फोन ,
तू ठीक तो है ना, काल क्यों नहीं किया,
मोनिका- खुश हूं आज , बहुत दिनों बाद आज
प्यार से (लंगुर ने)मुझसे की बात,
यह बात मैं भूल नहीं पा रही है ,
बस थोड़ी नींद ज्यादा आ रही है,
सुबह से कुछ खाया भी नहीं ,
खाना बनाया भी नहीं,
रात को लंगूर ने अपने हाथों से,
मुझे कुल्फी खिलाया,
अब ना होने दुंगा तुझे कोई ग़म,
मैं मिटा दूंगा तेरे सारे गम,
खाते ही मुझे वोमीटिंग हो गई,
मैं गुमसुम हो गई,
बुलाकर लाया एक कंपाउंडर,
चला इंजेक्शन लगवाने,
सही नहीं थे उसके तेवर,
पड़ोस की भाभी थी मेरे फेवर,
प्रिया -गम नहीं तुझे मिटाएगा,
नींद की दवा तुझे रोज पिलाएगा,
बातों में मत आना ,
हाथ से उसके कुछ ना खाना,
(फ़ोन हुआ अगले दिन)
मोनिका-रात को मेरे लिए गिलास दूध लाया,
वह दूध मैंने बिल्ली को पिलाया,
आज मैं तो जाग रही हूं ,
वह बिल्ली सो रही है,
अब समझ में आया यह राज,
नाइट शो देखने चलो मुझसे बोला कल रात,
गंगा बैराज घुमा दूं चलो तुमको आज,
क्यों घुमाना चाहता है मुझको रातों में,
मैं क्यों आ जाती हूं उसकी मीठी मीठी बातों में,
मेरे पास अब होगा इसका जवाब ,
क्योंकि मैं पढ़ रही हूं जासूसी किताब,
आप मेरे पास है मित्रता का पावर,
मेरे घर के पास लगा है मोबाइल का टावर,
अब मैं और ना दुख सहूगी,
सारी बात मैं तुझ से करूंगी,
निशी द्विवेदी
अंतर्राष्ट्रीय सचिव
साहित्य सेवा संस्थान
कानपुर उत्तर प्रदेश
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