Sunday, 13 September 2020

नहीं दूर का रिश्ता,

मेरे सांवरे ,
    मेरे सांवरे ,
        मेरे सांवरे ,
           ओ मेरे सांवरे,

नहीं था दूर का रिश्ता,
     कोई अपना नहीं थे तुम ,
          बड़ा महंगा पड़ा था इश्क ,
                     मेरा सपना हुए थे तुम,

लगाकर हाथ तुमको बस,
     तुम्हें मैं महसूस करती थी,
           ना तुम कुछ बोले ,
                  ना हम ही कुछ कहते थे,

बैठ कदम के नीचे ,
   तेरी राह मैं तकती थी,
        जुबा खामोश रहती थी,
              निगाहें बात करती थी,

मेरे पांव की पायल भी,
     तुम्हें तो याद होगी ही,
          मेरे हाथों की चूड़ी भी तो,
                खन खन खन खन करती थी,

सांवरे रूप तेरा तो,
    मुझे पागल बनाता था,
       तुम्हारी याद में जी कर,
             पल पल मैं तड़पती हूं,

मेरी हर सांस रो रोकर,
     तुम्हें बहुत याद करती है,
           कन्हैया मिल जाओ मुझको,
                  जरा सी बात करनी है।

तुम्हारी याद में जिंदा हूं,
      मैं तो मर नहीं सकती,
         तुम्हारी याद में जिंदा हूं ,
                या तुम भूल गए मुझको,

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