छुप छुप देखें,
नन्द के लला हो।...२
आंखें ये कहती ,
कोई तो बात है ,
यशोदा का लाला हो।..२
मोर मुकुट सिर पर,
धरे नन्द का लाला हो,
गले में माला हो।
खंभे के पीछे छुपे है ,
बाजू बन्द वाला हो ,
मेरा गोपाला हो
शरारत भरी है,
मुस्कान बड़ी है,
चंचल चितवन वाला हो
Nishi dwivedi
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