Thursday, 14 May 2020

शरारत सूझी

चुप चुप रह के,
 छुप छुप देखें,
 नन्द के लला हो।...२

आंखें ये कहती ,
कोई तो बात है ,
यशोदा का लाला हो।..२

 मोर मुकुट सिर पर,
धरे नन्द का लाला हो,
गले में माला हो।

खंभे के पीछे छुपे है , 
बाजू बन्द वाला हो ,
मेरा गोपाला हो 

शरारत भरी है,
मुस्कान बड़ी है,
चंचल चितवन वाला हो

                                      Nishi dwivedi

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