Tuesday, 12 May 2020

अनमोल प्रीत की माला

राधा रानी सोन चिरैया, मोहन मुरलिया सोने की।
राधा प्यारी सूरत वाली, मोहन खूब छलिया जी।

राधा फूलों की माला से ,मोहन सजे बैजन्ती जी।
राधा मोर पंख लाई है,  माथे धरे मोहन जी।

राधा मणि सजाये माथे ,मोहन साथ लागे मणियन सी।
राधा के नेना काले, मदन मुरारी काले रंग वाले।।

दोनों छाएल छबीले, सज धज नाचे।
गोकुल नगरिया लागे सुहनिया जी।

जितनी प्यारी राधा रानी ,उतने प्यारे बिहारी जी।।
निशि कृष्ण नयनों में बस गए नींद उड़ी हमारी जी।।

धिन ताना धीन ताना मै भी नाचू, साथ नाचे बिहारी जी।
ग्वाल बाल सग गोपी नाचे, साथ नाचे ब्रिज दुलारी जी।।

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खोने का डर

जितनी शिद्दत तुम्हें पाने की थी                 उससे ज्यादा डर तुम्हें खोने का है बस यही है कि तुमसे लड़ती नहीं           तुम यह ना समझना कि...