सदा रहेे हैं सदा रहेंगे।
कागज की नैया पर बैठ,
नदिया को पार करेंगे
दिवास्वप्न अधूरे बचपन से ,
सदा रहे हैं सदा रहेंगे।
कपड़े के पंखों को सिं कर,
आसमान में उड़ान भरेंगे।
कुछ स्वप्न अधूरे बचपन से ,
सदा रहे हैं सदा रहेंगे।
छाते का पैराशूट बनाकर
आंधियों में उड़ चलेंगे।
दिवास्वप्न अधूरे बचपन
से सदा रहे हैं सदा रहेंगे
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