राधा के नीले नीले नयनों कों, कैसे देखू।
राधा की भोली भाली बातो को , कैसे भूलूं।।
राधा के प्यारे प्यारे पैरों को मै, कैसे छूलू।
राधा रानी कितनी प्यारी है, मै कैसे बोलु।।
राधा के पावन चरणों में जीवन अर्पित ,कर दूं।
राधा की दास बन कर उनके साथ, रह लू।।
राधा मोहन सामने हो मेरे, मै श्रंगार कर दूं।
राधा रानी मोहन प्यारे के रंग में, अपने को रंगलू।।
निशि कृष्ण नयनों में बस गए, राधा रानी दिल में।
आंखो से अंतरात्मा के साथ, मै दर्शन कर लूं।।
_निशि द्विवेदी
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