* ****गोद मैया में वो ,बैठे रहे सोए।******
मुरलिया वाला,
मय्या का दुलारा,
नन्द बाबा को प्यारा
गोकुल गांव वाला,
सुंदर नयनों वाला,
मोर पंख धारा,
पाओ पैजनिया बांध,
हाथ ब्सुरिया थाम,
सबका मन लो मोह,
देत्य बध करता,
पूतना प्राण हर्ता,
शेष नाग नथना,
गोवर्धन पर्वत कनिष्ठ धरता,
गीता उपदेश करता ,
अर्जुन सारथी बनता,
कंस नाश कर्ता,
देवकी वाशुदेव मुक्ता,
भव सागर पार करता।
द्वारिकाधीश अधिष्ठा,प्रेम का प्रतीक है जो मेरा है वो।
_ Nishi dwivedi*****
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