नाम____निशी द्विवेदी
कविता के बोल____
_ रंगीन मोहब्बत पायी, गम गीन मुहब्बात पाई।
एक ख्वाब बुना था मैने।
मांगी थी मोहब्बत दिल से।
रंगों से मोहब्बत करने।
के देख रही थी सपने।
दिल देकर दिल के बदले।
रंगीन मोहब्बत पाई । रंगीन मोहब्बत पाई ।
रंगो ने दिखाया रंग अपना
कई रंग बदल बदल के।
कुछ रंग मिलन वाले थे ।
कुछ गम के जुदाई वाले।
रंगीन मोहब्बत पाई ।
रंगीन मोहब्बत पाई ।
कुछ मौसम की तरह
रंग बदले।
जो आऐ थे ।
बनकर अपने।
रंगीन मोहब्बत पाई।
रंगीन मोहब्बत पाई
तिनका तिनका टूट कर।
बिखर गए सारे सपने।
हर तिनके को पाया।
अलग-अलग कई रंगों में
रंगीन मोहब्बत पाई ।
रंगीन मोहब्बत पाई।
कुछ मौसम की तरह से बदले।
कुछ गिरगिट की तरह रंग बदले।
कुछ वार किए थे अपने।
कुछ फुसकार रहे थे अपने।
रंगीन। मोहब्बत। पाई
गमगीन मोहब्बत। पाई
_नाम____निशि द्विवेदी
बहुत सुंदर
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