फिर भी नारी का सम्मान है।
पुरुष विशाल पर्वत के समान है ,
नारी ममता की दुकान है।
पुरुष कठोरता और,
नारी कोमलता की पहचान है।
पुरुष चलने का नाम है ,
और नारी पूर्ण विराम है।
पुरुष पृथ्वी का सम्राट है,
फिर भी नारी का गुलाम है।
क्योंकि नारी प्रसन्न है तो तुम पर वारि है।
और अगर नाराज है तो तुम पर भारी है।।
पुरुष पर नारी प्रसन्न है,
तो जीवन में हरियाली है।।
पुरुष से नारी नाराज तो ,
अधिकारी काली रात है।।
पुरुषों अगर रहना हो चंगा,
तो मत लेना नारी से पंगा।
नाम____निशि दि्वेदी
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