चापलूसो से जुदाई रखिए,
हितैषीयो से मिलाई रखिए,
ईश्वर से सत्य की सदैव दुहाई रखिए,
प्रभु को मन बसाई रखिए,
घर में कुछ दवाई रखिए,
चिंतन मनन के लिए तन्हाई रखिए,
घर में कभी ना जमाई रखिए,
मन में सदैव समाई रखिए,
जीवन में मौज मस्ती और घुमाई रखिए,
छुपा कर अपनी कमाई रखिए,
सत्य की अलख जगाई रखिए,
मेरा तेरा ना करना सदैव हमाई रखिए,
भजनों में मन रमाई रखिए,
पुत्री को घर पर दबाई रखिए,
लक्ष्मी को घर में सब से छुपाई रखिए,
स्वभाव अपना सहाई रखिए,
पुलिस को खवाई रखिए,
घर को सदा साफ सुथरा सुहाई रखिए,
शत्रु को सदा हराई रखिए,
बातों में अपनी दमाई रखिए,
किसी के घर जाए तो हाथ में मिठाई रखिए,
दूध में मलाई रखिए,
जल को हलाई रखिए,
लेन-देन में हमेशा-हमेशा सफाई रखिए,
बुराइयों को उड़ाई रखिए,
अच्छाइयों को छुपाई रखिए,
रिश्तेदारों से लेनदेन सदैव बचाई रखिए,
चटनी में थोड़ी खटाई रखिए,
सुख दुख में सदैव समाई रखिए,
हरियाली देश में बहुत बहुत बढ़ाई रखिए,
दीन हीनो पर दया बनाई रखिए,
पशु प्रेम दिल में जगाई रखिए,
समय पर इनकी खिलाई ,पिलाई रखिए,
सेवक को चार बातें सुनाई रखिए,
सहायता भरपूर कराई रखिए,
सभी से मित्रवत मिलाई, जुलाई रखिए,
मुख को गर्म से बचाई रखिए,
नेत्रों को चमक से बचाई रखिए,
मादक पदार्थों के सेवन से बचाई रखिए,
(स्वरचित)
रचनाकार का नाम____निशि द्विवेदी
(पिंकी दिवेदी)
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