Sunday, 30 August 2020

दर्पण कहे श्रंगार कर आंखें काली रखें,

गुरु कहे लिखना जारी रखें,

  ससुर कहे बहू चाय की प्याली रखें,

        पति कहे थाली में व्यंजन चारी रखें,

                   सास कहे बहू अचारी रखें,

              घर की साज-सज्जा जारी रखें,
            
समझ ना आए कैसे हम कविता लिखना जारी रखें,


मेहमान कहे शिष्टाचार ही रखें,

   फॉलोवर्स कहे कविता जारी रखें,

      प्रकृति कहे घर में हरियाली रखें,

          सांझ,सवेरे घर के मंदिर में दियाली रखें,

समझ ना आए कैसे हम कविता लिखना जारी रखें,


घर कहे कूड़े को बाहरी रखें,

    परिजन का पूरा ख्याली रखें,
    
        भिखारी कहे दान पुन जारी रखें,

                दर्पण कहे थोड़ा श्रंगारी रखें,

       अखियां कारी और होठों पर लाली रखें,

समझ ना आए कैसे हम कविता लिखना जारी रखें,

गाड़ी कहे मुझ पर सवारी रखें,

पड़ोसन कहे सखी व्यवहारी रखें,

     सखियां कहे गुफ्तगू जारी रखें,

        पार्टियां कहे  बनारसी साड़ी रखें,

समझ ना आए कैसे हम कविता लिखना जारी रखें,

दिन के सारे काम कर ,
   रात में बैठी लिखने को ,
       बच्चे बोले ओ कवित्री मां,
              कमरे में अधिआरी रखें,

समझ ना आए कैसे हम कविता लिखना जारी रखें।
कोई बताए कैसे हम कविता लिखना जारी रखे।।
😱
(स्वरचित )रचनाकार का नाम ____निशी दिवेदी

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