नाम____निशि द्विवेदी
बोल___झूला रहे झूला राधा को कन्हैया।
झूल रहे झूला राधा के कन्हैया,
झूल रहे झूला राधा के कन्हैया,
राधा के कन्हैया श्याम संग मैया,
झूला रहे झूला राधा को कन्हैया,
छम छम बाजे है पैजनिया,
सावन की रिमझिम फुहारिया,
पेग बढ़ाए रहे बांके कन्हैया,
सावन की काली घटिईया,
नंद गांव को छोरा ,
बरसाने की छोरी,
माखन चोरैया,
मटकी फोड़या,
रास रचैया,
बंसी बजाएया ,
गौय चरैया,
प्यारो मेरो कन्हैया,
कदंब वृक्ष की छाइयां,
फूलन की लड़ीअं को झूला,
ठंडी हवा के झोंके,
ऊपर से कारी बदरिया,
दोनों हाथों में हाथ है ,
और नैनों में नैना,
प्रेम अगन है बराबर,
निशिदिन ना मिले चैनआ,
डर कैसे है लागे,
जब पालनहारे झुलाया,
राधा जैसो झूलन वालो,
बिहारी जैसो झुलाया,
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