नाम____निशि द्विवेदी
बोल ____ प्यार कभी एकतरफा होता नहीं,
चाहो ना चाहो तुम,
मुझे कोई फर्क पड़ता नहीं।
दिल में बसाओ ना तुम ,
मुझे कोई फर्क पड़ता नहीं।
देखो ना देखो मुझे तुम,
कोई फर्क पड़ता नहीं।
जानो पहचानो भी ना तुम,
मुझे कोई फर्क पड़ता नहीं।
बोलो ना बोलो मुझसे तुम ,
मुझे कोई फर्क पड़ता नहीं।
सपना बनाया है तुमको,
कन्हैया यह तुमने जाना नहीं।
मैंने तुम्हें चाह लिया ,
अपनें दिल मे बसा लिया,
देखा है सपनों में आते हुए ,
जाना तुमको, पहचाना तुम ही को ,
बस बोलूं सारी बातें तुम ही से ,
तुमको ही सपना बनाया कन्हैया ,
जानू मैं बस इतनी सी बात ,
् की प्यार कभी एकतरफा होता नहीं,
तुम्हें चाहना होगा मुझको !
मुझे कोई जल्दी नहीं !
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