नाम___निशि द्विवेदी
____अधरो से लग कर क्या बोले बसुरिया**†
क्या बोले ओ कान्हा ये बंसी तुम्हारी?
राधा नाम बोले यह बंसी हमारी।
सात सुरों का सरगम बजता है कैसे?
तुमको पुकारे बाजे है ऐसे।
मोर पंख तुमको है कितना प्यारा?
जितना राधे तुम्हें साथ हमारा।
सिंगार करते हो क्यों तुम इतना?
उतना ही प्यार पाऊं तुम्हारा।
हाथों में क्यों रहे बंसी तुम्हारी?
नैनों में रहती है मेरी राधा प्यारी।
अधरों से लगती है जब भी यह बंसी।
अनजाने ना जाने क्या कहती।
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