Tuesday, 29 December 2020

निशी कृष्ण नैनों में रहना और कहीं तुम ना जाना

राधा तो मेरी सौतन लागे,
सांवरो तो बस मेरो है,

अखियांन मेरी श्याम बसे हैं,
जीभया मेरी श्याम रटे है,

दर्पण देखे राधा रानी,
मृरग नयनी है राधा रानी,

मेरे नयन में बसे बिहारी,
निशि कृष्ण नयन बसाया,

भूल गई सब सुध बुध माया,




 साहित्य सेवा संस्थान अंतर्राष्ट्रीय सचिव __ निशि द्विवेदी

Saturday, 26 December 2020

निगाहों में तुम हो



लगा कर रख सकूं कलेजे से तुमको मेरी कहां औकात है।
बसाकर नयन छुपाऊं जग से तुमको, मेरी कहां मजाल?
सजा सकु मैं रोम रोम अपना, तुम सा!
बात कुछ खास नहीं,
दिखा दे एक झलक तू अपना,
फिर तो मुझे मौत भी स्वीकार है,
बना लो मुझे अपनी बंसी की धुन,
इस संसार से हो जाऊं मैं गुम,
देख कर तुमको मैं नैन मुदित हो जाऊंगी,
तुम बिन नहीं कहीं चैन अब पाऊंगी,

                  स्वरचित रचनाकार __ निशि द्विवेदी

Wednesday, 2 December 2020

तुमको ना भूल पाएंगे

तुमको ना भूल पाएंगे पापा जी,
तुमको ना भूल पाएंगे,
ना भूले थे हम कभी आपको, 
और ना कभी भुलाएंगे आपको,
आपके चरणों में दो फूल,
 श्रद्धांजलि के हर वर्ष चढ़ाएंगे,
अपनी यादों में आपको हमेशा बसाएंगे,
अपनी बातों में जिक्र आपका हमेशा चाहेंगे,
तुमको ना भूल पाएंगे पापाजी,
 तुमको ना भूल पाएंगे,
ना भूले थे कभी आपको ,
और ना भुला पाएंगे,
तुम्हारी कर्मठता को,
 अपने बच्चों को सिखाएंगे,
आप जैसा काबिल अपने बच्चों को बनाएंगे,
जो दिया है आपने कभी नहीं भूल पाएंगे,
आपकी तस्वीर के आगे सदा दिया जलाएंगे,
किस दुनिया में गए हो आप ,
ढुढ तो नहीं पाएंगे,
भावनाओं रूपी फूल ,
उस दुनिया तक पहुंच जाएंगे,
मुझे याद है वह दिन ,
जब आप अपने घर में,
 मुझे बहू बना कर लाए थे,
मेरे पापा बन कर सदा मेरा साथ निभाए थे,
आज भी घर में जब ,कटु वचन कोई कहता है,
आपकी तस्वीर से मुझे वही सहारा मिलता है,
तुमको ना भूल पाएंगे ,
पापा जो तुमको ना भूल पाएंगे,
जिस दुनिया में गए हो आप ,
 वहां कोई आपको हमसे ज्यादा प्यारा है,
आपकी आंखें तो हमें देखती होंगी,
 हमें तो बस आपके सपनों का सहारा है,


साहित्यकार ,निशि द्विवेदी

खोने का डर

जितनी शिद्दत तुम्हें पाने की थी                 उससे ज्यादा डर तुम्हें खोने का है बस यही है कि तुमसे लड़ती नहीं           तुम यह ना समझना कि...