जब से होश संभाला मैंने तब से खड़ा वह वृक्ष है,
एक दिन मैंने मां से पूछा कितना पुराना यह वृक्ष है,
मां बोली जब से होश संभाला यही खड़ा यह वृक्ष है,
मां से बोली बता मुझे मां कितना पुराना वृक्ष है,
जब मां छोटी थी जिज्ञासा में आया था यह वृक्ष है,
तब मां ने नानी से पूछा माँ कितना पुराना यह वृक्ष है,
नानी ने बताया उनके दादा ने था लगाया यह वृक्ष हैं,
मेरी जिज्ञासा पूर्ण हुई मैं पहुंची और बोली
बरगद दादा बता मुझे कितना पुराना यह वृक्ष है,
निशी उर्फ पिंकी द्विबेदी
बरगद दादा ने मुझे बहुत लंबी कहानी सुनाई
फुर्सत में किसी दिन सुनाऊं की सारी कहानी
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