अब तो मेरे सारे अपने कन्हैया के हो गए।
अब तो मेरा घर कन्हैया का घर हो गया।
अब तो मेरी सारी दुनिया कान्हा की हो गई ।
अब तो मेरा मन कान्हा में रम गया।
अब तो अपना सर कान्हा चरणों में हो गया।
अब तो मेरे मन में राधेश्याम बस गए।
आज से मेरे नैनो में श्याम बस गए।
आज से मेरे जीभ्या श्याम बस गए ।
आज से मेरे कानों में गूंजती बंसी धुन ।
कान्हा सुनाएं मैं ,सुनती जाऊं ।
कान्हा बंसी धुन, मेरे कानों में रस घोले जाए।
No comments:
Post a Comment