नाम_____ निशि द्विवेदी
बोल_____ दीए ये जो दीए, हैं कान्हा के लिए।
ओ प्रिये ओ प्रिये राधा प्रिए,
तुमने जलाए जो दिए।।
यमुना में जो प्रवाह किए।
देखो तैर कर चल दिए।
ओ प्रिये ओ प्रिये कृष्ण प्रिए,
मेरे नाम के ये दिए।
तुम्हारे हाथ से दीए।
दोनों साथ चल दिए।
अमर कथा बन कर।
उजाले कर दीए।
दीए यमुना में चले।
दीए दिल में जगे।
जगमग हो कर।
टिम टिम कर दीए।
नील गगन बन कर।
धरा पर चादर बिछे।
लहरों से हिले।
लहरों में बहाते हुए।
दीए ये जो दीए ।
यह राधा के लिए।
दीए ये जो दीए,
हैं कान्हा के लिए।
दीए जलाकर हम।
प्रेम निमग्न हो लिये।
ओ प्रिए ओ पिए राधा प्रिए।
ओ प्रिए ओ प्रिए कृष्ण प्रिए।
बोलो तो कृष्ण प्रिए।
साथ रहना हरदम प्रिए।
_____*** निशि द्विवेदी**
🙏🙏👌
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