राधा रानी की पीर तुम सुनलो।
तुम्हारा दिल भी रो पड़े गा।
वो रोती हैं, आंसू बहाती।
कसूर इतना ही प्रेम किया है।
मोहे लगी लगन, कान्हा जी की।
अब दिल से मेरे, ये ना मिटेगी।
जाव कही भी, भुला ना सकूंगी।
मेरे नयन सावन, झरी बरसेगी।
रो रो नयन मोरे, दुखने लगें हैं।
हर जगह कान्हा, दिखने लगे हैं।
कान्हा तुम्हारा भी यही हाल होगा।
देखो हमारे लिए तुम कभी ना रोना।
तुम्हारे हिस्से का दुख हमे दे दो।
हमारी सारी ख़ुशी तुम ले लो।
प्रेम तुम्हारा दिल में रहेगा,
दर्द ज्यादा सहन ना होगा।
जीवन तुम पर ही मेरा समर्पित
कांटा तुमको तो दर्द मोहे होय।
नगे पाओ तुम ना चलना।
छाले पांव में मेरे पड़ेंगे।
राधा साथ में था कोई नाता ,
सोच लेना सपना था देखा ।
भूल जाओगी जल्दी है दावा।
समय लगाता जख्म पे मरहम।
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