Monday, 4 May 2020

नारायण महामंत्र है जप करें।

नारायण नारायण कहते कहते
नारायण नारायण के हो गए
नारायण नारायण करते करते
 नारायण नारायण मैं बस गए
नारायण नारायण पढ़ते-पढ़ते
नारायण नारायण पा गए
नारायण नारायण सुनते सुनते 
नारायण नारायण में समा गए
नारायण नारायण को भजते भजते
नारायण नारायण के भक्त हो गए
नारायण नारायण को निहारते निहारते
नारायण नारायण के शरणागत हो गए
नारायण नारायण प्रिय प्रिय कहते
नारायण नारायण प्रीतम हो गए
नारायण नारायण को देखते देखते
नारायण नारायण मेरे नैनों में बस गए
नारायण नारायण की तरफ चार कदम चले
नारायण नारायण के चरणों में रह गए
नारायण नारायण ही भजना है और नहीं जाना है।
नारायण नारायण श्रीमन नारायण नारायण नारायण श्रीमन नारायण भजमन नारायण।।

No comments:

Post a Comment

खोने का डर

जितनी शिद्दत तुम्हें पाने की थी                 उससे ज्यादा डर तुम्हें खोने का है बस यही है कि तुमसे लड़ती नहीं           तुम यह ना समझना कि...