नारायण नारायण के हो गए
नारायण नारायण करते करते
नारायण नारायण मैं बस गए
नारायण नारायण पढ़ते-पढ़ते
नारायण नारायण पा गए
नारायण नारायण सुनते सुनते
नारायण नारायण में समा गए
नारायण नारायण को भजते भजते
नारायण नारायण के भक्त हो गए
नारायण नारायण को निहारते निहारते
नारायण नारायण के शरणागत हो गए
नारायण नारायण प्रिय प्रिय कहते
नारायण नारायण प्रीतम हो गए
नारायण नारायण को देखते देखते
नारायण नारायण मेरे नैनों में बस गए
नारायण नारायण की तरफ चार कदम चले
नारायण नारायण के चरणों में रह गए
नारायण नारायण ही भजना है और नहीं जाना है।
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