पर मिले नहीं मन्दिर में राम।
नगे पैरों तीरथ करे,
कही दिखे नहीं भगवान।
ब्रम्हमुहूर्त स्नान करे,
और पोथी पढ़ ली हज़ार।
भागवत पुराण में वर्णित है,
थाम दिल सुन लो बात।
भगवान् का अर्थ है,
भाव वान गमन।
भाव तुम्हारे सच्चे दिल में,
पा लोगे भगवान ।
आंखे बंद दर्शन कर लो,
हृदय बिराजे राम।
कितने ही आनंद लूटते,
प्रेम में लुटते है श्याम।
अर्ध मुदित नेत्रों से देखो, तृतीय नेत्र स्थान।
वही विराजे सीताराम, वही विराजे राधेश्याम।
_निशि द्विवेदी
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