निशि कृष्ण नयनों में बसाया,
कन्हैया हमको परान प्यारा।
सौप दिया है जीवन अपना,
कान्हा हमको देंगे सहारा।
ऊंगली पकड़ कर साथ रहूं,
अब तुम्हीं पर भार हमारा ।
तुम्हारे दर्शन को हम चाहें,
तुम्हारे हाथ ये कुटुम्ब हमारा।
_निशि द्विवेदी
No comments:
Post a Comment