तबसे नहीं कोई फरियाद है।।
मेरे जीवन में आनंद ही आनंद ,
घनश्याम मेरा आधार है।
जबसे राधा के साथ स्याम हैं,
और सीता के साथ राम है।
हरि नाम बड़ा सुख धाम है,
भक्तों पर प्रभु दयाल हैं।
लक्ष्मी के साथ नारायण ,
और गौरी के हुए भोलेनाथ है।
सभी देवों की हम पर कृपा है,
उनका सिर पर मेरे हाथ है ।
_निशि द्विवेदी
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