Sunday, 17 May 2020

प्रीत की रीत में

मोहे लगी कृष्ण संग प्रीत ,
मेरे दिल की हो गई जीत,

मैं भूली दुनियां की रीत,
मेरे बनें सावारिया मीत,

मै तो लिखूं मोहन पे गीत,
ललाट तपे दिल सीत,

यही प्रीत की रीत,
बिराह करे भयभीत,

भ्रम में मोहन प्रतीत,
भूल गई सारा अतीत, 

                                ***** Nishi dwivedi

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