नाम ____निशि द्विवेदी
बोल___ तुम्हारी नज़र क्यों?
तुम्हारी नजर जो सजा बन गई।
हमारी नजर से जो वो मिल गई ।
इसमें नजर की क्या खता है।
नजर में नजर की क्या भूमिका है।
नजर ही नजर में किए हैं जो वादे।
नजर ने किए प्यार के हैं इरादे।
नजर से उतर के हृदय में विराजे।
नजर ही नजर में लगे तुम निराले।
नजरों का हम पर असर यह हुआ है।
नजर ही नजर में हुआ फैसला है।
हमारी नजर ने जो भरोसा जताया।
कान्हा को अपने हृदय में बसाया।
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