पथिक तनिक ठहर जाओ।
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पथिक तनिक ठहर जाओ,
निशा का निमंत्रण है।
निशा का आगाज हुआ है,
निशा देती निमंत्रण है।
ठहरना भी तेरा जरूरी है,
निशा का आमंत्रण है।
प्रकृति का संकेत हुआ है,
निशा का निमंत्रण है।
दिन पराया रात अपनी,
अपनों का निमंत्रण है।
सो जाओ तुम मीठी नींद,
सपनों का निमंत्रण है।
बाहे पसारे निशा पुकारे,
आगोश में लो तुम्हारा अभिनंदन है।
भूलकर सारे काम तुम्हारे ,
निशा देती निमंत्रण है।
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