नाम____ निशि द्विवेदी
हेअपराधी मानव तेरा, अंत होना बाकी है।
मुझे भूख लगी है मां।
कुछ खाना चाहिए मां।
चल चलती हूं नन्हे-मुन्ने
तुझे कुछ खिलाती हूं
शायद कोई इंसान मिले
जो तेरी भूख मिटादे।
कौन इंसान ओ मां,
क्या तेरे जैसा होता है
कैसा दिखता है
क्या करता है।
इंसान बड़े अच्छे होते हैं
भूखी हमारी मिटाते हैं
कुछ खाने को देते हैं
बस थोड़ा काम कराते हैं।
यहां देखो इंसान खड़ा है कुछ खाने को लाया है।
अनानास तुम्हें खिलाएगा और तेरी भूख मिटाएगा।
मां जल्दी खा लो अनानास ,
मुझे भी चखना है इसका स्वाद।
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हे, मानवता के कातिल।
तुझे लाज ना आई।
मानव से दुश्मनी चलो मान लिया।
पशुओं ने तेरा क्या बिगाड़ा है।
हथनी की चलो मान भी लें
गर्भस्थ शिशु में तेरा क्या बिगाड़ा था।
मां को थोड़ा लालच देकर
उसके पेट पर तूने वार किया
हे दुष्ट अपराधी तुझे लाज ना आई।
तूने जान के ऐसा वार किया,
मानवता पर तूने कलंक लगाया
क्या प्रकृति की मार तू सह पाएगा
गज को खिलाकर अनानास
कर दिया तूने वंश सर्वनाश।
डूब मरो चुल्लू भर पानी में
तू सबसे बड़ा अपराधी है
मा को तूने मजबूर किया
डूब के मरने को पानी में
की है तूने निर्मम हत्या
तू सबसे बड़ा पापी है।
हे घृणित मनुष्य,
क्या सोचा होगा अजन्मे ने
सारी मानव जाति को।
तू हत्यारा है तू पापी है।
कोख कलंकित हो गई
जिसमें तूने जन्म लिया।
कोर्ट तुझे शायद छोड़ दे
प्रकृति नहीं तुझे छोड़ेगी।
तू निर्लज्ज है,तू पापी है तू अत्याचारी है।
तू जघन्य अपराधी है तू नर्क के काबिल है।
तू मासूम का हत्यारा है।
अब शुरु तेरी बर्बादी है।
तुझे जीने का हक नहीं।
तूने दो-दो जीवन छीन लिए।
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Wahhh what the lines
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