कविता_______ कोई न जाने कितने ख्वाब अधूरे छूट जाए।
कोई ना जाने कब जीवन समाप्त हो जाए ।
कोई ना जाने कब अंधेरी रात हो जाए।कोई न जाने कब शरीर से आत्मा रूठ जाए।
कोई न जाने कब सभी से साथ छूट जाए।
कोई न जाने सफर आगे कितना जाएगा।
कोई न जाने कब जग से दिल भर जाएगा।
कोई ना जाने कब यह दिया बुझ जाए।
कोई न जाने कब यह सांस रुक जाए।
कोई न जाने कब चांद आखरी हो जाए।
कोई ना जाने कौन बात आखरी हो जाए।
कोई न जाने कब मुलाकात आखरी हो जाए।
कोई न जाने कब जीवन का ख्वाब आखरी हो जाए।
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