बेटी सोन चिरैया,
ओ री ओ सोन चिरैया,
तुम अभी शाम को आई हो।
रेन बसेरा होकर बस तुम।
कल सुबह को तुम उड़ जाओगी।
याद तुम्हारी आएगी।
तुझे भुला ना पाऊंगा,
ओ मेरी सोन चिरैया,
तूम लौट के फिर न आना
तुझे मिले सभी का प्यार,
भूलकर कर हमको ,
खुशी से बसना अपने परिवार।
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