नाम_____निशि दिवेदी
मेरी सखियां करे बदनाम रसिया।
मेरी सखियां करे बदनाम रसिया।
तुमसे मिलने की लगी रहे आस रसिया।
तुम कहते ***मुझे मृगनयनी,
सच है नैन, मृग से भटके,
बन बन भटके, कस्तूरी की आस रसिया।
मेरी सखियां करें , बदनाम रसिया।
तुम् कहते ****मुझे कमल जैसी,
सच है मैं ,कमल के जेसी ,
जल में कमल है जैसे रहता,
मै भी हूं, वैसे रहती,
जैसे कमल रहे जल से,विरक्त रसिया ,
मेरी सखियां करें बदनाम रसिया।
तूम कहते कि मै हूं ज्योति,
जैसे ज्योति अधूरी दीपक बिन रसिया
मेरी सखियां करे बदनाम रसिया।
- निशि द्विवेदी
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