Friday, 26 June 2020

श्री प्रभु के भक्तों का अंदाज निराला होता है,

प्रातः काल 4:00 से 5:00 के बीच में एक चिड़िया आती है हमारी छतों पर बैठकर एक मधुर आवाज में ....श्री प्रभु ....श्री प्रभु..... गुंजार करती है , उसकी मीठी सी  आवाज कानों में पड़ते ही रोम-रोम पुलकित हो उठता है नींद तो टूट कर भाग जाती है मन आनंदित हो उठता है, आज मैं उन्हीं पलों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत करती हूं।
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प्यारी प्यारी चिड़िया रानी ,
     कहा से तुम रोज आती हो,
            फिर कहां तुम चली जाती हो,
                      रहती कहां हो चिड़िया रानी।

पता तुम्हारा मुझे बता दो,
       एक झलक तुम मुझे दिखा दो,
                राज तुम्हारा मुझे बता दो,
                         रूप तुम्हारा मुझे दिखा दो।

सुबह-सुबह तुम रोज आती हो,
         एक नया  आनंद भर जाती हो,
                 श्री हरि ने जो काम दिया है,
                             इसे बखूबी निभाती हो।

इतनी मीठी आवाज तुम्हारी ,
      है अंदाज निराला बिल्कुल,
            उत्साह कितना भर देती हो,
                            प्रेरणा प्रभु की देती हो,

  श्री प्रभु के भक्तों का,
       अंदाज निराला होता है
           नहीं चिंता उन्हें किसी की,
                  जिनका प्रभु रखवाला होता है।

           रचनाकार का नाम___निशि द्विवेदी
                                          ( स्वरचित)

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