जब बेटी छोटी होती है
गोद में मां के लेटी होती है
जब बेटी थोड़ी बड़ी होती है
मां को बोलकर पका देती है।
जब बेटी स्कूल जाती है
मां को खूब दौड़ा देती है
जब बेटी और बड़ी होती है मां के आंसू सहन नहीं करती है।
मां की ओर उठती जो उंगली है
उसे बहुत सुना देती है
बेटी मां का आईना होती है
बेटी मां का हाथ दाहिना होती है।
बेटी मां की जान होती है
बेटी मां की मां होती है
जब बेटी बड़ी हो जाती है
अपनी ससुराल चली जाती है।
मां को यहां रुला जाती है
मां को एहसास दिला जाती है
बेटी ही बस बेटी होती है
और नहीं कोई बेटी हो सकती है।
सच नहीं है कि बेटा बेटी एक समान
क्योंकि बेटा मिलता है भाग्य से,
पर बेटी मिलती सौभाग्य से।
मां को अकेला कर जाती है।
बहुत कुछ सिखा जाती है
बहुत कुछ देकर जाती है
बस बेटी ही एक होती है
मां को सम्मान दिला जाती है।
मजे की बात तो यह है दोस्तों
ससुराल में बैठे हुकुम चलाती है
मम्मा को तकलीफ न देना
फोन पर फटकार लगाती है।
गलती चाहे जिसकी हो सबक सिखाती सांची। मां का साथ कभी ना छोड़े निशि की बेटी सांची।
बिना घुस के रहती हमेशा निशि की बेटी सांची।
मां का हाथ थामे वो निशि की बेटी सांची।
____निशि द्विवेदी
😂😂
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