नाम____निशि द्विवेदी
कविता के बोल__ फूलों सी होती है तितलियां ।
उड़ते फूलों सी होती हैं ,
रंग बिरंगी तितलियां।
जैसे फूल बनाए प्रकृति ने,
वैसी बनाई तितलियां।
जो रंग भरा फूलों में,
वही रंग फिर भरा तितलियां।
मनभावन फूलों सी ,
ही मनभावन होती हैं तितलियां।
फूल के पंखुड़ियों जैसी,
पंख लिए रहतीं तितलियां।
फूलों सी आकर्षित करती,
रंग बिरंगी तितलियां।
फूलों का अहंकार तोड़ती ,
है रंग बिरंगी तितलियां।
हाथ लगाते ही उंगलियों पर ,
रंग छोड़ उड़ जाती तितलियां।
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