Sunday, 14 June 2020

काजल बनाकर नयन बसाऊ कन्हैया।

नाम____निशि  द्विवेदी
बोल ___जीवन यह मेरा तुम्हारे लिए है।


तुमको खयालों में छुपा कर है रखना।                                नजरों में तुमको छुपा कर है रखना।
            दुनिया की नजरों से बचाकर है रखना।
                     दिल में हमारे बसा कर रख रखना।

तुम्हें अपने नैनो का काजल बना लूं।                                सिंदूर बना कर मांग में सजा लूं।
         तुम्हें अपने माथे की बिंदिया बना लूं।
               हाथों में खनखन करती चूड़ियां बना लूं।

बाहों का हार तुम्हारे लिए है।
         दिल यह धड़कता तुम्हारे लिए है।
                सांसे यह चलती तुम्हारे लिए हैं।
                  आंखें यह खुलती बस तुम्हारे लिए हैं।

जुल्फों की छांव तुम्हारे लिए है।
       चंदन सा बदन तुम्हारे लिए है।
               लबों पर हमारे जिक्र सिर्फ तुम्हारा।
                        कैसे छुपाऊं जग से इश्क तुम्हारा।

जीवन तुम्हारे नाम किया है।
        बारात लेकर आ जाओ आंगन।
                दूरी सही ना जाए ओ साजन।
                       साथ अपने आब ले जाओ साजन।

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