Thursday, 27 August 2020

कोई लौटा दे मेरा बचपन।

आया सावन मनभावन।
      कर दे रोम रोम पावन।।
         कर दे वारि तन मन धन।
              कोई लौटा दे मेरा बचपन।।

जब से रूठा है बचपन।
    तब से देख रही दर्पण।।
          छुटा दौर खिलौनों का।
               पांव दहलीज के यौवन।।

जब से यौवन है आया।
    तब से उमंग है छाया।।
         नई तरंग मन भाया।
              नयन देख रहे दिवास्वप्न।।

एक दौर था यौवन का।
    नया पड़ाव है जीवन का।।
        बचपन याद बहुत आया।
               बचपन मस्त बहुत पाया।।

अभावग्रस्त था बचपन।
  कष्ट तनिक नहीं था बचपन।।
    जल्द आएगा दौर पचपन।
     कोई लौटा दे मेरा फिर से बचपन।।
     
   रचनाकार का नाम ____निशि दिवेदी 


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