Saturday, 5 September 2020

संतो के समागम से उत्थान संस्कृत का

भारत के उत्थान वास्ते,
   कदम जो आगे रखा है,
     नहीं कोई साधारण यह ,
          तो भारत देश का बच्चा है,

आज शिक्षक दिवस पर ,
   यह जो कदम को आगे रखा है,
      संस्कृति के उत्थान के लिए ,
        जो अलख जगाकर रखी है,

संस्कृतियों से उरृड वास्ते,
   कदम जो आगे रखा है,
     देश के हित में काम करने,
        योगी जी ने पहल सुझाई है,

पौराणिक ग्रंथों में जैसे,
   संतो की सभाएं लगती थी,।                                     भारत संतों की नगरी है,
       पुनः संतों की सभा लगाई है,

   यूपी में जय हो योगी जी,
    देश का मेरे सौभाग्य बड़ा है,
        उन्नति के लिए यहां सदैव,
             देखो योगी सीएम खड़ा है,

देश को अपने गौरवान्वित ,
   करने को सदैव जगा है।
      सूरज सा चमकते भारत को,
           पाने की चाह निभाई है,

जय हो जय हो मोदी जी,
  और जय हो मेरे योगी जी, 
       इतिहास में संतों ने ,
          देश में राज किया है, 

  इतिहास लिखेंगे आज,
     पुनः मेरे केवल योगी जी,
         पुनः शासन करेंगे फिर से ,
                 मेरे इकलौते योगी जी,

संस्कृति के उत्थान वास्ते,
     संतो से आज चर्चा हुई,
        मेरे योगी का अंदाज निराला,
               यूपी में योगी राज निराला,

देववाणी में चर्चा करके,
  भारत में रामराज स्थापित होगा,
     भारत पुनः हिंदू राष्ट्र घोषित होगा,
       संस्कृत में वार्ता करके विश्व में नाम आएंगे,

साहित्यकार____ निशि द्विवेदी
                         पिंकी द्विवेदी

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