तेरे रूप बड़ौ अनमोल,
देखने में लागे तनिक न मोल,
कलेजे में ठंडक पड़ जाए ,
जो तू दर्शन देने आए,
तेरी बंसी मैं बन जाऊं,
तुम्हारे अधरन से लग जाऊं,
तेरी मुंदरी बन कर कान्हा,
तेरी उंगली में बस जाऊं,
तेरे साथ ही बस जाऊं ,
तुझसे दूर रह ना पाऊं,
तुमरे नैनन में बस जाऊं ,
या फिर तुम्हें नयन बसाऊं,
तुमरे चरणों में बस जाऊं ,
मुख से तुम्हारे भजन में गांऊ,
राधे मेरे श्याम मेरे राधे राधे श्याम,
जय जय राधे राधे श्याम जय जय राधे राधे श्याम
साहित्य सेवा संस्थान,
अंतर्राष्ट्रीय सचिव ___निशी द्विवेदी
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