Wednesday, 27 January 2021

तेरे चरणों की मैं हूं दासी, तुम बिन रहा उदासी


तेरे रूप बड़ौ अनमोल,
देखने में लागे तनिक न मोल,

कलेजे में ठंडक पड़ जाए ,
जो तू दर्शन देने आए,

तेरी बंसी मैं बन जाऊं,
 तुम्हारे अधरन से लग जाऊं,

तेरी मुंदरी बन कर कान्हा,
 तेरी उंगली में बस जाऊं,

तेरे साथ ही बस जाऊं ,
तुझसे दूर रह ना पाऊं,

तुमरे नैनन में बस जाऊं ,
या फिर तुम्हें नयन बसाऊं,

तुमरे चरणों में बस जाऊं ,
मुख से तुम्हारे भजन में गांऊ,

राधे मेरे श्याम मेरे राधे राधे श्याम,
जय जय राधे राधे श्याम जय जय राधे राधे श्याम

साहित्य सेवा संस्थान,
 अंतर्राष्ट्रीय सचिव ___निशी द्विवेदी

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